भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है और अब यह सिर्फ आसमान में उड़ने वाला गैजेट नहीं बल्कि कई उद्योगों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। खेती, डिफेंस, लॉजिस्टिक्स, सर्वे, फिल्ममेकिंग और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है। इसी बढ़ते उपयोग के साथ ड्रोन उड़ाने की बजाय उसे प्रोग्राम करने की मांग कई गुना बढ़ गई है। यही कारण है कि Drone Programming Course युवाओं के लिए एक नया और आकर्षक करियर विकल्प बनकर सामने आया है।
ड्रोन प्रोग्रामिंग क्या है?
ड्रोन प्रोग्रामिंग वह प्रक्रिया है जिसमें ड्रोन को कोड की मदद से नियंत्रित किया जाता है। इस कोर्स में छात्रों को यह समझाया जाता है कि ड्रोन ऑटोमेशन कैसे करता है, सेंसर किस तरह काम करते हैं और एक विशेष मिशन या टास्क को पूरा करने के लिए ड्रोन में किस तरह की लॉजिक या कमांड डाली जाती है। इसमें कंट्रोल सिस्टम, फ्लाइट ऑटोमेशन, कंप्यूटर विज़न, नेविगेशन और मिशन प्लानिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होते हैं।
यह भी पढ़ें: 6 महीने की सीख में तैयार करें फुल स्टैक डेवलपमेंट करियर
छात्र यह भी सीखते हैं कि ड्रोन किस तरह GPS डेटा पढ़कर उड़ान भरते हैं, किस सेंसर से दूरी नापते हैं, किस प्रोग्राम से अपने रूट को एडजस्ट करते हैं और किस तरह ऑब्स्टेकल से बचते हुए मिशन पूरा करते हैं। यह कोर्स ड्रोन को ‘स्मार्ट’ बनाने की असली तकनीक सिखाता है।
कौन-कौन से टूल और लैंग्वेज सिखाई जाती हैं?
ड्रोन प्रोग्रामिंग सिखाने वाले कोर्सों में प्रमुख रूप से ये टूल और भाषाएं शामिल होती हैं:
यह भी पढ़ें: Frontend से Backend तक, ऐसे बनें Full Stack Expert
- Python
- C और C++
- MATLAB
- Mission Planner
- ROS (Robot Operating System)
- PX4 या ArduPilot सॉफ़्टवेयर
इन तकनीकों की मदद से छात्र ड्रोन के सेंसर, मोटर, कैमरा, बैटरी मैनेजमेंट से लेकर पूरी फ्लाइट को स्वचालित रूप से नियंत्रित करने की क्षमता विकसित करते हैं।
कहां-कहां मिलती है ड्रोन प्रोग्रामिंग की ट्रेनिंग?
भारत में कुछ प्रमुख संस्थान इस क्षेत्र में प्रोफेशनल ट्रेनिंग उपलब्ध कराते हैं:
यह भी पढ़ें: फॉरेंसिक साइंस के प्रमुख प्रकार जानें अपराध जांच में कैसे होती है मदद
IIT कानपुर
ड्रोन और UAV रिसर्च के लिए देश का सबसे मजबूत केंद्र माना जाता है। यहां डिजाइन से लेकर उड़ान नियंत्रण और प्रोग्रामिंग तक का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है।
Indian Institute of Drones (IID), बेंगलुरु
IID भारत का सबसे जाना-माना ड्रोन ट्रेनिंग संस्थान है। यहां ड्रोन पायलट, ड्रोन टेक्नीशियन और मिशन प्लानिंग के साथ-साथ Drone Programming भी सिखाया जाता है।
IGIAT, चंडीगढ़
इंदिरा गांधी वैमानिकी संस्थान एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी और ड्रोन सिस्टम्स में विशेष प्रशिक्षण देता है। यहां छात्र फ्लाइट कंट्रोल, एवियन मैकेनिक्स और ड्रोन डिजाइन की गहरी समझ प्राप्त करते हैं।
कोर्स की अवधि और फीस
- ड्रोन प्रोग्रामिंग कोर्स आम तौर पर 2 से 6 महीने में पूरा हो जाता है। जो छात्र एडवांस लेवल तक जाना चाहते हैं, उनके लिए 1 साल का कोर्स भी उपलब्ध रहता है।
- फीस की बात करें तो यह ₹10,000 से ₹80,000 या उससे अधिक तक हो सकती है, जबकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरुआती लेवल के कोर्स और भी कम कीमत पर प्रदान करते हैं।
क्यों बढ़ रही है ड्रोन प्रोग्रामिंग की मांग?
ड्रोन का उपयोग अब सिर्फ बड़े उद्योगों तक सीमित नहीं रहा। सरकार के ‘ड्रोन नीति 2021’ और ‘डिजिटल सर्वे ऑफ इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों के बाद ड्रोन टेक्नोलॉजी में रोजगार और स्टार्टअप दोनों के अवसर तेजी से बढ़े हैं। कंपनियों को अब ऐसे युवा चाहिए जो ड्रोन को सिर्फ उड़ाना नहीं बल्कि:
- उसे ऑटोमेशन दे सकें
- सटीक मिशन प्लानिंग कर सकें
- सर्वे और डेटा प्रोसेसिंग कर सकें
- AI आधारित कंप्यूटर विजन जोड़ सकें
- डिलीवरी सिस्टम के लिए स्मार्ट नेविगेशन बना सकें
यहीं पर Drone Programming Course सबसे ज़्यादा उपयोगी साबित होता है।
कैसा है करियर स्कोप?
इस कोर्स के बाद छात्र इन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं:
- UAV Programmer
- Drone Automation Engineer
- Drone Data Analyst
- Robotics Specialist
- Survey & Mapping Engineer
- Defense Drone Technician
- Drone R&D Engineer
तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में इन प्रोफाइल्स की मांग लगातार बढ़ रही है।