फॉरेंसिक साइंस के प्रमुख प्रकार जानें अपराध जांच में कैसे होती है मदद

फॉरेंसिक साइंस विभिन्न वैज्ञानिक शाखाओं का एक समूह है जो अपराधों में मिले एविडेंस की गहन जांच करता है. BSc Forensic Science में छात्रों को DNA एनालिसिस, साइबर फॉरेंसिक्स, टॉक्सिकोलॉजी, बॉलिस्टिक, फिंगरप्रिंट और डिजिटल एविडेंस जैसी कई शाखाओं के बारे में पढ़ाया जाता है. हर प्रकार की फॉरेंसिक जांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और कोर्ट के लिए मजबूत प्रमाण तैयार करती है।

फॉरेंसिक साइंस के प्रमुख प्रकार जानें अपराध जांच में कैसे होती है मदद

फॉरेंसिक साइंस कई शाखाओं का समुच्चय है, जो अपराधों में मिले एविडेंस की वैज्ञानिक जांच में उपयोग होती हैं. BSc Forensic Science के कोर्स में इन सभी प्रकारों की बुनियादी और प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है, जिससे छात्रों को आधुनिक क्राइम इन्वेस्टिगेशन की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा सके।

DNA और बायोलॉजिकल फॉरेंसिक्स
इस शाखा में DNA एनालिसिस, ब्लड सैंपल, हेयर, टिश्यू और बॉयोलॉजिकल ट्रेसेस की जांच की जाती है. यह अपराधों के वैज्ञानिक सच को पहचानने का सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता है।

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फिंगरप्रिंट और इम्प्रेशन फॉरेंसिक्स
अपराध स्थल पर मिले फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट और टूल मार्क्स आदि की तुलना करके संदिग्ध की पहचान की जाती है. यह पारंपरिक लेकिन अत्यंत प्रभावी तकनीक है।

साइबर और डिजिटल फॉरेंसिक्स
डिजिटल डिवाइस, सोशल मीडिया डेटा, कॉल रिकॉर्ड और ईमेल ट्रेल की जांच साइबर फॉरेंसिक्स के दायरे में आती है. आधुनिक अपराधों में इसका महत्व तेजी से बढ़ा है।

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टॉक्सिकोलॉजी और केमिकल फॉरेंसिक्स
इस शाखा में ज़हर, ड्रग्स, केमिकल्स और टॉक्सिक पदार्थों की पहचान की जाती है. संदिग्ध मौत या पॉइजनिंग केस में यह बेहद जरूरी होता है।

बॉलिस्टिक फॉरेंसिक्स
बंदूक, कारतूस, गोली की दिशा और इम्पैक्ट का अध्ययन बॉलिस्टिक फॉरेंसिक्स के तहत किया जाता है. यह शूटिंग और मर्डर केस में निर्णायक भूमिका निभाता है।

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