जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: कौन बनाता है रथ, किस लकड़ी से होता है निर्माण – जानिए रथ से जुड़ी हर खास बात सरल हिंदी में
पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ आस्था नहीं बल्कि परंपरा और विज्ञान का मेल है जानिए रथ बनाने वाले कारीगरों की पीढ़ियों से चली आ रही जिम्मेदारी और रथ निर्माण में लगने वाली खास लकड़ी की जानकारी

पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय कारीगरी, परंपरा और विज्ञान का अद्भुत मेल है। जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने विशाल रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं, तो वह दृश्य केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक भी होता है। हर साल इन रथों का निर्माण नए सिरे से किया जाता है। खास बात ये है कि रथ बनाने की प्रक्रिया में किसी एक कील तक का इस्तेमाल नहीं होता। लकड़ी के खांचों को आपस में जोड़कर पूरी रचना खड़ी की जाती है। और इसे बनाने वाले होते हैं वो कारीगर परिवार, जो पीढ़ियों से यही सेवा करते आ रहे हैं। आइए अब जानते हैं इस भव्य परंपरा से जुड़ी वह बातें जो हर भक्त और संस्कृति प्रेमी को जाननी चाहिए।
रथ निर्माण की शुरुआत: अक्षय तृतीया से होती है नई उम्मीद की शुरुआत
हर साल अक्षय तृतीया के दिन से रथों का निर्माण शुरू हो जाता है। मंदिर परिसर में विशेष पूजा और विधि-विधान के बाद लकड़ी काटने और गढ़ने का काम शुरू होता है। इस दिन को शुभ मानकर भगवान के वाहन की रचना आरंभ होती है, जिसे बनाने में लगभग दो महीने का समय लगता है। यह काम बहुत ही निष्ठा और शांति से होता है। दिन-रात मेहनत कर कारीगर इन रथों को ऐसे बनाते हैं मानो कोई चलती-फिरती मंदिर हों।
कौन-सी लकड़ियों से बनते हैं रथ: पेड़ों का चयन भी होता है नियमों से
रथ निर्माण में किसी भी आम लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होता। इसके लिए चुनी जाती हैं खास किस्म की लकड़ियाँ –
धौरा, फस्सी, सिमिली, सहजा और मही।
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धौरा से बनते हैं मजबूत पहिए
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फस्सी से रथ की धुरी (एक्सल)
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सिमिली से ऊपरी ढांचा
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सहजा से सजावटी भाग
पेड़ों का चयन भी बड़ी सोच-विचार से होता है। कोई घोंसला न हो, कोई जीव ना रहता हो, तभी वह पेड़ काटा जाता है।
रथ बनाने वाले कारीगर: पीढ़ियों से निभा रहे हैं सेवा का धर्म
रथ बनाना किसी एक व्यक्ति का काम नहीं। यह एक पूरी टीम की मेहनत है:
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महाराणा (बढ़ई) – लकड़ी काटते हैं, गढ़ते हैं
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लौहकार – लोहे के जोड़ों और सहारे बनाते हैं
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नक्काशीकार – देवी-देवताओं की सुंदर आकृतियाँ उकेरते हैं
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चित्रकार – रथ को सजाते हैं रंग-बिरंगे रंगों से
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दर्जी – कपड़ों से बनाते हैं रथों के चंदोवे और परदे
इनमें से कई कारीगर परिवार तो 400 साल से यही सेवा कर रहे हैं।
रथों की पहचान: कौन-सा रथ किसका और कैसा होता है
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भगवान जगन्नाथ का रथ – नंदीघोष
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रंग: लाल-पीला
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पहिए: 16
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ऊँचाई: 45 फीट
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भगवान बलभद्र का रथ – तालध्वज
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रंग: हरा-लाल
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पहिए: 14
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ऊँचाई: 43 फीट
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देवी सुभद्रा का रथ – दर्पदलन
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रंग: काला-लाल
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पहिए: 12
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ऊँचाई: 42 फीट
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हर रथ पर रक्षक देवता और द्वारपाल भी चित्रित होते हैं।
रथ के बाद क्या होता है इन लकड़ियों का? परंपरा में भी होती है पुनः उपयोग की सोच
रथ यात्रा समाप्त होने के बाद इन रथों को तोड़ा नहीं जाता, बल्कि संजोया जाता है।
रथों की लकड़ियाँ:
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धार्मिक आयोजनों में उपयोग होती हैं
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प्रसाद बनाने में ईंधन बनती हैं
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कई बार मंदिर के किचन में इनका उपयोग होता है
इससे यह साबित होता है कि भारत की परंपरा केवल भव्य नहीं, बल्कि टिकाऊ भी है।
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 – GK प्रश्न और उत्तर (सामान्य ज्ञान)
प्रश्न: जगन्नाथ रथ यात्रा किस राज्य में होती है?
उत्तर: ओडिशा
प्रश्न: रथ यात्रा किस शहर से शुरू होती है?
उत्तर: पुरी
प्रश्न: जगन्नाथ रथ यात्रा में किन-किन देवताओं की सवारी निकलती है?
उत्तर: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा
प्रश्न: रथ यात्रा किस मंदिर से शुरू होती है?
उत्तर: श्रीमंदिर (जगन्नाथ मंदिर), पुरी
प्रश्न: रथ यात्रा का गंतव्य (Destination) मंदिर कौन-सा होता है?
उत्तर: गुंडिचा मंदिर (भगवान जगन्नाथ की मौसी का मंदिर)
प्रश्न: रथ यात्रा की शुरुआत किस तिथि को होती है?
उत्तर: आषाढ़ शुक्ल द्वितीया (हिंदू पंचांग के अनुसार)
प्रश्न: रथ निर्माण की शुरुआत किस शुभ दिन होती है?
उत्तर: अक्षय तृतीया
प्रश्न: भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम क्या है?
उत्तर: नंदीघोष
प्रश्न: भगवान बलभद्र के रथ का नाम क्या है?
उत्तर: तालध्वज
प्रश्न: देवी सुभद्रा के रथ का नाम क्या है?
उत्तर: दर्पदलन (या पद्म रथ)
प्रश्न: रथ निर्माण में किस प्रकार की लकड़ियों का प्रयोग होता है?
उत्तर: फस्सी, धौरा, सिमिली, सहजा, मही
प्रश्न: रथों को बनाने की जिम्मेदारी किस जाति/समुदाय के पास होती है?
उत्तर: महाराणा (बढ़ई समुदाय), और विशेष पारंपरिक परिवार
प्रश्न: क्या रथों के निर्माण में कील का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: नहीं, पूरा निर्माण लकड़ी को जोड़ने की तकनीक से होता है
प्रश्न: कितने पहिए होते हैं भगवान जगन्नाथ के रथ में?
उत्तर: 16 पहिए
प्रश्न: रथ यात्रा कितने दिनों तक चलती है?
उत्तर: लगभग 9 दिन
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