भारत की 10 सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाएँ — कौन है नंबर वन? आज हम आपको बताते हैं

भारत की 10 सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल हैं हिन्दी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, गुजराती, कन्नड़, उड़िया और मलयालम। जानिए किस भाषा को कितने लोग बोलते हैं और उनकी सांस्कृतिक विशेषताएँ क्या हैं।

भारत की 10 सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाएँ — कौन है नंबर वन? आज हम आपको बताते हैं

भारत भाषाओं का देश है — यहाँ हर कुछ किलोमीटर पर ज़ुबान बदल जाती है। बोलियों की यह विविधता ही हमारी सांस्कृतिक पहचान का सबसे बड़ा प्रतीक है। भारत में कुल 22 भाषाएँ संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कौन सी भाषाएँ सबसे ज़्यादा बोली जाती हैं? कौन सी भाषा केवल एक राज्य में सीमित है और कौन सी पूरे देश में फैली है? आज हम आपको बताते हैं भारत की 10 सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाएँ, जिन्हें करोड़ों लोग अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। आइए, इस भाषाई विविधता की सुंदर झलक पर एक नज़र डालते हैं।

1. हिन्दी (Hindi) — सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा

भारत में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा हिन्दी है। इसे देश की लगभग 44% आबादी अपनी मातृभाषा के रूप में बोलती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हिन्दी प्रमुख भाषा है। यह न केवल दैनिक जीवन की भाषा है बल्कि सरकारी कामकाज, मीडिया, और मनोरंजन जगत की मुख्य भाषा भी बन चुकी है।

2. बंगाली (Bengali) — साहित्य और संस्कृति की भाषा

बंगाली भाषा को भारत की लगभग 8.03% आबादी बोलती है। यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। इस भाषा की साहित्यिक परंपरा बेहद समृद्ध है — टैगोर की कविताओं से लेकर आधुनिक उपन्यासों तक, बंगाली साहित्य ने भारतीय संस्कृति को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।

3. मराठी (Marathi) — महाराष्ट्र की आत्मा

मराठी भारत की तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जिसे लगभग 7% भारतीय बोलते हैं। यह महाराष्ट्र और गोवा की प्रमुख भाषा है। मराठी की जड़ें प्राचीन संस्कृत और प्राकृत भाषाओं में हैं। इस भाषा में संत ज्ञानेश्वर और तुकाराम जैसे कवियों ने अद्भुत रचनाएँ दी हैं।

4. तेलुगु (Telugu) — दक्षिण की मधुर आवाज़

तेलुगु भाषा लगभग 6.7% आबादी द्वारा बोली जाती है। यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की आधिकारिक भाषा है। तेलुगु को अक्सर “पूर्व का इतालवी” कहा जाता है क्योंकि इसके शब्दों में मीठी लय और संगीतात्मकता होती है।

5. तमिल (Tamil) — प्राचीनता और गौरव की प्रतीक

तमिल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित भाषाओं में से एक है। भारत में करीब 6.4% लोग इसे बोलते हैं, मुख्यतः तमिलनाडु और पुडुचेरी में। इस भाषा की ऐतिहासिक जड़ें संगम साहित्य तक जाती हैं, जो 2000 साल पुराना है।

6. उर्दू (Urdu) — तहज़ीब और शायरी की ज़ुबान

उर्दू को लगभग 4.3% भारतीय बोलते हैं। यह उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, और दिल्ली में व्यापक रूप से प्रचलित है। उर्दू सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कृति है जिसमें ग़ज़ल, नज़्म और अदब का अनमोल खज़ाना छिपा है।

7. गुजराती (Gujarati) — व्यापार और संस्कृति की भाषा

गुजराती भारत की लगभग 4% आबादी द्वारा बोली जाती है। यह गुजरात राज्य की प्रमुख भाषा है। महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसी महान हस्तियों की मातृभाषा रही यह भाषा भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक परंपरा की वाहक है।

कन्नड़ (Kannada) — कर्नाटक की पहचान

कन्नड़ को भारत की लगभग 3.6% आबादी बोलती है। यह कर्नाटक राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह भाषा 1500 साल से भी पुरानी है और इसमें पम्पा, रन्ना और बसवन्ना जैसे कवियों की अद्भुत साहित्यिक परंपरा है।

उड़िया (Odia) — परंपरा और पुरातनता की भाषा

उड़िया को लगभग 3.1% भारतीय बोलते हैं, मुख्यतः ओडिशा राज्य में। यह भाषा 2014 में “शास्त्रीय भाषा” का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। इसकी लिपि ब्राह्मी परिवार की है और इसमें अनेक प्राचीन ग्रंथों का भंडार है।

10. मलयालम (Malayalam) — केरल की मधुर बोली

मलयालम को करीब 2.8% भारतीय बोलते हैं। यह केरल और लक्षद्वीप की मुख्य भाषा है। इसकी खासियत यह है कि इसमें संस्कृत, तमिल और अंग्रेज़ी तीनों का प्रभाव देखने को मिलता है। इस भाषा का सिनेमा और साहित्य दोनों ही विश्वस्तरीय माने जाते हैं।

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