जन्माष्टमी

जन्माष्टमी हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। 2025 में जन्माष्टमी का पर्व 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों को सजाते हैं और घर-घर में श्रीकृष्ण की झांकियां व रासलीला का आयोजन होता है। रात 12 बजे, जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, भक्त विशेष पूजा कर बालकृष्ण की मूर्ति को पालने में झुलाते हैं और जन्मोत्सव मनाते हैं। जन्माष्टमी का संदेश है— धर्म की स्थापना, अन्याय का नाश और प्रेम, करुणा व भक्ति की शक्ति।

जन्माष्टमी का महत्व

भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनका जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि जब-जब अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान धर्म की स्थापना के लिए अवतरित होते हैं। जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और निष्ठा का प्रतीक है।

जन्माष्टमी 2025 की तिथि

  • तारीख: 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार)

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त, सुबह 09:42 बजे

  • अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त, सुबह 11:10 बजे

  • पूजा समय: 15 अगस्त, रात 11:50 से 12:35 (कृष्ण जन्म का मुहूर्त)

पूजा विधि और व्रत परंपरा

  1. भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं।

  2. संध्या समय घर और मंदिरों को दीप, पुष्प और झांकियों से सजाया जाता है।

  3. श्रीकृष्ण की मूर्ति या बालगोपाल को झूले में रखकर सजाया जाता है।

  4. रात 12 बजे कृष्ण जन्म का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।

  5. पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) से श्रीकृष्ण का अभिषेक किया जाता है।

  6. जन्म के बाद प्रसाद बांटा जाता है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं।

धार्मिक मान्यता

जन्माष्टमी का पर्व हमें सिखाता है कि सच्चा धर्म न्याय और करुणा में है। भगवान कृष्ण ने गीता के माध्यम से संसार को धर्म, कर्म और भक्ति का अद्भुत संदेश दिया। इसलिए जन्माष्टमी केवल जन्म उत्सव नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्ग भी है।

विशेष आयोजन

  • दही-हांडी उत्सव: महाराष्ट्र में जन्माष्टमी पर दही-हांडी की परंपरा होती है। इसमें युवा गोविंद मंडल पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ते हैं।

  • रासलीला: उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में रासलीला और झांकियां आयोजित होती हैं।

  • मंदिर सज्जा: द्वारका, वृंदावन और इस्कॉन मंदिरों में विशेष उत्सव होते हैं।

Read More

जन्माष्टमी 2025: परंपरा भी, ट्रेंड भी! देखें कैसे बदल रही है श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की रौनक

जन्माष्टमी का उत्सव पुरानी पीढ़ी के पारंपरिक मूल्यों और नई पीढ़ी की आधुनिक सोच का एक सुंदर संगम है, जो इस त्योहार को और भी खास बनाता है।

  • admin
  • Oct 2, 2025
  • 9:06 PM IST

जन्माष्टमी 2025: श्रीकृष्ण की कहानियों से सीखें जिंदगी जीने का असली तरीका – जन्माष्टमी पर जरूर जानें

भगवान श्रीकृष्ण का जीवन केवल एक धार्मिक गाथा नहीं, बल्कि मानव जीवन के लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शक है। उनके बचपन की शरारतों से लेकर महाभारत के युद्ध में दिए गए गीता ज्ञान तक, हर पहलू…

  • admin
  • Oct 2, 2025
  • 9:06 PM IST

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: बाल गोपाल का श्रृंगार कैसे करें, जानें आसान टिप्स और आइडियाज

जन्माष्टमी के अवसर पर घर में श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन घर की सजावट और बाल गोपाल (लड्डू गोपाल) का श्रृंगार बेहद खास होता…

  • admin
  • Oct 2, 2025
  • 9:06 PM IST

जन्माष्टमी भोग स्पेशल: क्या-क्या खाते हैं नंदलाल? जानिए ये 5 पारंपरिक व्यंजन मिलेगा .. पुण्य और स्वाद दोनों

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी का पर्व न सिर्फ भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि स्वादिष्ट व्रत व्यंजनों और खास भोग का अवसर भी है। इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय व्यंजन…

  • admin
  • Oct 2, 2025
  • 9:06 PM IST
WhatsApp YouTube Twitter Quora