दीवाली पूजा सामग्री लिस्ट 2025: लक्ष्मी-गणेश पूजन की पूरी विधि और शुभ मुहूर्त जानें

दीवाली 2025 पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए पूरी पूजा सामग्री सूची, पूजन विधि और परंपरागत मान्यताओं को जानें। जानिए झाड़ू पूजा का महत्व और किस समय पूजन सबसे शुभ माना जाता है।

दीवाली पूजा सामग्री लिस्ट 2025: लक्ष्मी-गणेश पूजन की पूरी विधि और शुभ मुहूर्त जानें

दीपावली का पर्व बस आने ही वाला है, और हर घर में तैयारियां जोरों पर हैं। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना के बिना यह पावन त्योहार अधूरा माना जाता है। अगर आप भी इस साल 20 अक्टूबर को विधिवत पूजन करने जा रहे हैं, तो पहले से सारी पूजा सामग्री तैयार रखें ताकि शुभ मुहूर्त में कोई कमी न रह जाए। इस लेख में हमने आपके लिए दीवाली पूजन की संपूर्ण सामग्री सूची, पूजन विधि, और उससे जुड़ी रोचक परंपराएं बताई हैं। जानिए कौन-कौन सी वस्तुएं मां लक्ष्मी को प्रिय हैं, झाड़ू की पूजा क्यों की जाती है, और किस समय पूजन सबसे फलदायी होता है। तो आइए, प्रकाश और समृद्धि के इस पर्व को मनाने से पहले एक नज़र डालें पूरी “दीवाली पूजा सामग्री सूची” और “लक्ष्मी पूजन विधि” पर।

दीवाली की तैयारी का शुभ प्रारंभ: घर की सफाई और साज-सज्जा

दीवाली से पहले घर की सफाई करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि स्वच्छ घर में ही देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए लोग इस दिन घर के हर कोने को साफ करते हैं, दीवारों पर नई पुताई करते हैं और रंग-बिरंगी सजावट से घर को चमका देते हैं। घर के मुख्य द्वार पर तोरण, बंदनवार, और रंगोली बनाई जाती है ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो। नई झाड़ू का उपयोग करना विशेष शुभ होता है क्योंकि इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि झाड़ू की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए आवश्यक सामग्री की संपूर्ण सूची

दीवाली पूजन की तैयारी में सबसे अहम है — सही पूजा सामग्री का होना। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या चित्र अवश्य रखें। लकड़ी या पीतल की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर पूजन स्थल सजाएं। पूजन में उपयोग के लिए चंदन, हल्दी, कुमकुम, सुपारी, लौंग, धूप, अगरबत्ती, कपूर, और दीपक रखें। कलश स्थापना के लिए गंगाजल, जल, सुपारी, सिक्के और अक्षत रखें। देवी को अर्पण करने हेतु ताजे फूल, माला, फल, मिठाई, खील, बताशे और पान के पत्ते भी रखें। चांदी या सोने के सिक्के धन की वृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। बही-खाता पूजन के लिए कॉपी, पेन और दवात तैयार रखें।

दीवाली पूजा विधि: चरण-दर-चरण पूजन प्रक्रिया

सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को लाल कपड़े से सजाएं और उस पर कलश स्थापित करें। कलश में गंगाजल, सुपारी, अक्षत और सिक्का डालें। इसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का ध्यान करें और उनका आवाहन करें। देवी को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर चंदन-कुमकुम का तिलक लगाकर फूलों की माला अर्पित करें। फल, मिठाई, सिक्के और कमल का फूल अर्पित कर दीपक जलाएं। पूरे परिवार के साथ आरती करें और शंख बजाकर पूजा का समापन करें। पूजन के बाद प्रसाद वितरित करें और घर के हर कोने में दीप जलाएं, ताकि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पूरे वर्ष आपके घर में बना रहे।

दीवाली की मान्यताएं और रहस्य: क्यों होती है झाड़ू की पूजा

भारतीय परंपरा में झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। दीवाली के दिन नई झाड़ू खरीदकर उसकी पूजा करने की प्रथा प्रचलित है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आर्थिक समृद्धि आती है। झाड़ू से घर की सफाई करने का अर्थ सिर्फ धूल हटाना नहीं, बल्कि दरिद्रता और अशुभता को बाहर निकालना भी है। इसलिए इस दिन झाड़ू को सम्मानपूर्वक पूजना शुभ फल देता है।

पूजा का शुभ समय: प्रदोष काल का महत्व

दीवाली की पूजा के लिए सबसे शुभ समय “प्रदोष काल” माना गया है, जो सूर्यास्त के बाद का समय होता है। इसी अवधि में लक्ष्मी पूजन करने से देवी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दीपदान और आरती का समय भी इसी काल में रखा जाना चाहिए। इस दौरान घर के बाहर और भीतर दीप जलाकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार किया जाता है।

कौन-से फूल मां लक्ष्मी को प्रिय हैं?

लाल कमल और लाल रंग के फूल मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं। इसके अलावा गेंदे और गुलाब के फूल भी चढ़ाए जा सकते हैं। इन फूलों की सुगंध और रंग पूजा में पवित्रता और आनंद का भाव बढ़ाते हैं।

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