Nov 29, 2025
By: Beginners Indiaधरती पर आँसू नीचे गिरते हैं, लेकिन स्पेस में ग्रेविटी लगभग नहीं होने के कारण आँसू गिरते नहीं।
जीरो ग्रेविटी में आँसू नीचे बहने की जगह आपकी आँखों पर ही चिपक जाते हैं और एक बबल जैसा बनाते हैं।
स्पेस में आँसू हवा में वापस तैरने लगते हैं। ये गोल-गोल मोती की तरह दिखते हैं।
अंतरिक्ष यात्री अपने चेहरे से आँसू हटाने के लिए हवा के flow या अपनी उंगलियों का उपयोग करते हैं।
क्योंकि आँसू आँखों पर ही रुक जाते हैं, इसलिए irritation और redness बढ़ सकती है।
Astronauts को कई बार भावनाओं पर भावनाओं पर control रखना पड़ता है क्योंकि रोने से दिक्कत बढ़ सकती है।
NASA के experiments में साफ हुआ कि आँसू तैरने वाले tiny water bubbles में बदल जाते हैं।
स्पेस में रोना possible है लेकिन आसान नहीं। आँसू गिरते नहीं बल्कि आपकी आँखों के आसपास ही चिपक जाते हैं।
इस स्टोरी को देखने के लिए धन्यवाद 🙏