एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ क्या होता है और कैसे बनें ?

एयरपोर्ट पर ग्राउंड स्टाफ यात्रियों की सहायता, बैगेज हैंडलिंग, टिकट चेकिंग आदि कार्यों को संभालते हैं। इस क्षेत्र में 12वीं के बाद भी करियर बनाना संभव है। जानिए कोर्स, स्किल्स और अप्लाई करने की प्रक्रिया।

एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ क्या होता है और कैसे बनें ?

एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ, जिसे एयरपोर्ट हैंडलिंग स्टाफ या एयरपोर्ट ऑपरेशंस स्टाफ भी कहा जाता है, हवाई अड्डे पर यात्रियों और विमानों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है। ये वे लोग हैं जो हमें एयरपोर्ट पर मिलते हैं और हमारी यात्रा को आसान बनाने में मदद करते हैं।

एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ के मुख्य काम

ग्राउंड स्टाफ के काम कई तरह के होते हैं, जिन्हें कुछ श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  • यात्री सेवा (Passenger Services):
    • टिकट काउंटर पर यात्रियों को चेक-इन करना और बोर्डिंग पास जारी करना।
    • यात्रियों के सामान की जांच करना और उसे टैग करना।
    • यात्रियों को फ्लाइट की जानकारी (जैसे देरी या गेट नंबर में बदलाव) देना।
    • विकलांग यात्रियों, बच्चों या बुजुर्गों की मदद करना।
    • बोर्डिंग गेट पर यात्रियों को विमान में चढ़ने में मदद करना।
  • रैंप सेवा (Ramp Services):
    • विमान के आने-जाने के दौरान रनवे पर उसे गाइड करना।
    • यात्रियों का सामान विमान में लोड और अनलोड करना।
    • विमान में ईंधन भरना और अन्य तकनीकी जांच में मदद करना।
    • विमान की साफ-सफाई और रखरखाव सुनिश्चित करना।
  • सुरक्षा (Security):
    • एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच करना।
    • यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना।

एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ कैसे बनें?

एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ बनने के लिए कुछ योग्यताएं और स्किल्स की आवश्यकता होती है।

1. शैक्षिक योग्यता:

  • अधिकांश एयरलाइंस 12वीं पास उम्मीदवारों को मौका देती हैं। कुछ पदों के लिए ग्रेजुएशन भी मांगा जा सकता है।
  • कॉमर्स, आर्ट्स, या साइंस – किसी भी स्ट्रीम के छात्र आवेदन कर सकते हैं।

2. आवश्यक स्किल्स:

  • कम्युनिकेशन स्किल्स: यात्रियों से बात करने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत जरूरी हैं। आपको हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए।
  • ग्राहक सेवा कौशल (Customer Service Skills): आपको यात्रियों की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने में सक्षम होना चाहिए।
  • टीमवर्क: ग्राउंड स्टाफ का काम टीम में होता है, इसलिए टीम के साथ मिलकर काम करने की क्षमता महत्वपूर्ण है।
  • शारीरिक फिटनेस: रैंप सेवा जैसे कामों के लिए अच्छी शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
  • समस्या-समाधान की क्षमता: आपातकालीन या अप्रत्याशित स्थितियों को संभालने की क्षमता होनी चाहिए।

3. आवेदन और चयन प्रक्रिया:

  • ऑनलाइन आवेदन: आप विभिन्न एयरलाइंस (जैसे इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, एयर इंडिया) की वेबसाइट या नौकरी पोर्टल्स पर ग्राउंड स्टाफ की रिक्तियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। कई बार एविएशन सर्विस कंपनियां भी भर्ती करती हैं।
  • लिखित परीक्षा (Written Exam): कुछ कंपनियां उम्मीदवारों की योग्यता जांचने के लिए एक सामान्य लिखित परीक्षा ले सकती हैं, जिसमें तार्किक तर्क (Reasoning), अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के प्रश्न हो सकते हैं।
  • ग्रुप डिस्कशन (Group Discussion): आपकी कम्युनिकेशन और टीमवर्क स्किल्स का मूल्यांकन करने के लिए ग्रुप डिस्कशन कराया जा सकता है।
  • इंटरव्यू (Personal Interview): यह चयन प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां आपके व्यक्तित्व, स्किल्स और भूमिका के प्रति आपकी समझ का मूल्यांकन किया जाता है।

4. ट्रेनिंग और कोर्स:

  • आप 12वीं के बाद सीधे आवेदन कर सकते हैं, या फिर आप एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ से संबंधित डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।
  • इन कोर्स में आपको एयरलाइन ऑपरेशंस, कस्टमर सर्विस, कार्गो हैंडलिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में सिखाया जाता है। ये कोर्स आपको जॉब के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं।

सैलरी: ग्राउंड स्टाफ की सैलरी एयरलाइन, पद और अनुभव के आधार पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर, शुरुआती सैलरी ₹15,000 से ₹30,000 प्रति माह तक हो सकती है।

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