अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे मुख्य रूप से माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखकर शाम के समय अहोई माता की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत से संतान पर आने वाली सभी बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। अहोई अष्टमी पर महिलाएं दीवार या कागज पर अहोई माता की आकृति बनाकर पूजन करती हैं और सात अनाजों से बनी सामग्री अर्पित करती हैं। पूजा के बाद माताएं संतान के नाम का स्मरण करते हुए आशीर्वाद मांगती हैं। संध्या समय तारे को देखकर व्रत खोला जाता है। यह पर्व संतान सुख और परिवार की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
अहोई अष्टमी का महत्व
अहोई अष्टमी व्रत मातृत्व भाव और संतान की रक्षा का प्रतीक है। मान्यता है कि अहोई माता की पूजा करने से संतान की उम्र बढ़ती है और परिवार में समृद्धि आती है। इस दिन किया गया व्रत भगवान शिव-पार्वती की आराधना के समान फल देता है।
अहोई अष्टमी 2025 की तिथि और मुहूर्त
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तारीख: 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
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अष्टमी तिथि प्रारंभ: 24 अक्टूबर रात 11:48 बजे
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अष्टमी तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर रात 09:12 बजे
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पूजा मुहूर्त: 25 अक्टूबर शाम 05:45 से 07:00 बजे तक (लगभग)
पूजा विधि
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सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें और निर्जला उपवास रखें।
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संध्या के समय दीवार पर या कागज पर अहोई माता की आकृति बनाएं।
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सप्त धान्य (गेहूं, चावल, मूंग, तिल, चना, जौ, अरहर) से पूजा करें।
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दीपक जलाएं और अहोई माता के आगे जल, रोली, चावल, मिठाई और फल अर्पित करें।
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बच्चों के नाम का उच्चारण कर माता से उनकी लंबी उम्र और सुख की प्रार्थना करें।
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रात में तारों को देखकर अर्घ्य दें और व्रत का समापन करें।
धार्मिक मान्यता
कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक महिला ने जंगल में खुदाई करते समय गलती से शेर के शावक को मार दिया था। इसके फलस्वरूप उसके सात पुत्र असमय मृत्यु को प्राप्त हुए। बाद में देवी के निर्देश पर उसने अहोई अष्टमी व्रत किया, जिससे उसे पुत्र सुख और उनके जीवन की रक्षा प्राप्त हुई। तभी से इस व्रत की परंपरा चली आ रही है।
अहोई अष्टमी व्रत 2025: बच्चों की लंबी उम्र और सुख की कामना का पावन दिन, मां अहोई के आशीर्वाद से खिलेगी खुशियों की फसल
अहोई अष्टमी 2025 का व्रत 13 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। माताएं अपने बच्चों के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और मां अहोई से लंबी उम्र व सुख की कामना करती हैं। यहां पढ़ें पूजा…
- Nikita Jain
- Oct 13, 2025
- 11:10 AM IST