Kendriya Vidyalayas 2025: सरकार ने 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की मंजूरी दी, जानें बजट और लोकेशन

केंद्रीय कैबिनेट ने देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalayas 2025) खोलने की मंजूरी दी है। इस योजना पर अगले नौ सालों में करीब 5,862.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नए स्कूल 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खुलेंगे, जिनमें आकांक्षी जिले, LWE प्रभावित क्षेत्र और उत्तर-पूर्व भारत भी शामिल हैं।

Kendriya Vidyalayas 2025: सरकार ने 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की मंजूरी दी, जानें बजट और लोकेशन

भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalayas 2025) खोलने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने स्वीकृति दी है। नए विद्यालयों की स्थापना मुख्य रूप से केंद्रीय कर्मचारियों, रक्षा बलों और अर्द्धसैनिक बलों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखकर की जाएगी। इसके लिए 5,862.55 करोड़ रुपये का बड़ा बजट तय किया गया है, जिसे अगले नौ वर्षों में खर्च किया जाएगा। नए विद्यालय 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खुलेंगे, जिनमें कई ऐसे जिले शामिल हैं जहां अब तक कोई KV नहीं था। खास बात यह है कि इन नए स्कूलों में NEP 2020 के तहत बालवाटिका (pre-primary) की भी सुविधा होगी। इससे देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और छात्रों को समान अवसर मिलेगा।

57 नए केंद्रीय विद्यालयों को मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने 2025 में देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KVs) खोलने की योजना को मंजूरी दी है। इनमें से 7 स्कूल गृह मंत्रालय द्वारा और बाकी 50 स्कूल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर खोले जाएंगे। इन नए विद्यालयों का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और KV नेटवर्क को देशभर में और मजबूत बनाना है।

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बजट और खर्च का पूरा ब्योरा

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन विद्यालयों के लिए कुल 5,862.55 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।

  • 2,585.52 करोड़ रुपये बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे।
  • 3,277.03 करोड़ रुपये संचालन और अन्य खर्चों पर लगाए जाएंगे।
    यह राशि वर्ष 2026-27 से अगले नौ सालों में खर्च की जाएगी।

NEP 2020 और बालवाटिका की सुविधा

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत पहली बार इन केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका (pre-primary education) की सुविधा भी दी जाएगी। इसका उद्देश्य छोटे बच्चों को शुरुआती शिक्षा का मजबूत आधार देना है।

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केंद्रीय विद्यालयों का इतिहास

केंद्रीय विद्यालयों की शुरुआत नवंबर 1962 में हुई थी। इनका उद्देश्य उन बच्चों को समान शिक्षा उपलब्ध कराना था जिनके माता-पिता केंद्रीय सरकार, रक्षा सेवाओं या अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत हैं। आज यह संगठन शिक्षा के क्षेत्र में एक विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है।

कहां खुलेंगे नए 57 स्कूल?

नए विद्यालय 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खोले जाएंगे।

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  • 20 KV ऐसे जिलों में खुलेंगे जहां पहले कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं था।
  • 14 KV आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) में होंगे।
  • 4 KV नक्सल प्रभावित (LWE) जिलों में स्थापित होंगे।
  • 5 KV उत्तर-पूर्व और पहाड़ी क्षेत्रों में खोले जाएंगे।

वर्तमान स्थिति और विस्तार

इस समय भारत में कुल 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विदेशों (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) में भी संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में करीब 13.62 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। पहले ही 85 नए विद्यालयों की मंजूरी दी जा चुकी है और अब इन 57 नए विद्यालयों के जुड़ने से KV का नेटवर्क और व्यापक हो जाएगा।

Quick Info Table

विवरण आंकड़े
नए केंद्रीय विद्यालयों की संख्या 57
कुल बजट 5,862.55 करोड़ रुपये
निर्माण खर्च 2,585.52 करोड़ रुपये
संचालन खर्च 3,277.03 करोड़ रुपये
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश 17
वर्तमान KV की संख्या 1,288 (3 विदेशों में)
छात्र संख्या 13.62 लाख

#CabinetDecision: The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi, has approved the opening of 57 new Kendriya Vidyalayas (KVs) across 17 States/UTs to meet the educational needs of wards of Central Government employees. A… pic.twitter.com/KRl8ndqHcq

— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) October 1, 2025

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